Sunday, November 9, 2008

मां, क्या तुमको कभी मेरी याद आती है। अगर हाँ, तो फ़िर तुम दिखाई क्यों नहीं देती। तुमने कभी सोचा है, कि तुम्हारे बगैर मैं कैसा हूं ? किस तरह मेरी जिंदगी मे एक अधूरापन है जो मुझे सालता रहता हैहमेशा सोचता रहता हूं कि कभी तुम मिलो तो ढेर सारी शिकायतें, पर तुम मुझे मिलोगी भी तो कहाँ? मै हूं कि अपनी

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