Sunday, May 31, 2009

आपको पाकर के अब खोना नहीं चाहते
इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते
ये आलम है हमारा अपकी जुदाई से
आंखों में नींद है मगर सोना नहीं चाहते

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